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जठराग्नि( मोटापे को दूर करे) /Jatharagni





लाइफ तमाम ऐसी छोटी-छोटी चीजें होती हैं जिनके बारे में हमें बिल्कुल भी पता नहीं होता है, जबकि ऐसी बातें हमारे काम की होती हैं। इन बातों को जानना बहुत जरूरी होता है बीमारियों की वजह होती है असंयमित खान-पान। 

 जब पेट में जठराग्नि जलेगी तो ही खाना पचेगा और जब खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा
लेकिन अगर आपके पेट की जठराग्नि बुझ गई है तो ऐसे में आपका भोजन पचने के बजाय सड़ने लगेगा और जब भोजन पचने के बजाय सड़ने लगे लेकिन अगर आपके पेट की जठराग्नि बुझ गई है तो ऐसे में आपका भोजन पचने के बजाय सड़ने लगेगा और जब भोजन पचने के बजाय सड़ने लगे तो गैस, कब्ज, अम्लता, उलटी,सिर दर्द, शरीर में बेचैनी, आलस्य, काम में अरुचि होने, आदि की शिकायते होने लगती हैं स्ट्रीट फूड्स अधिकांश लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं, लेकिन इनके सेवन से होने का खतरा बना रहता है
 
 लगभग दो घंटे में खाये गए पदार्थ पर जठराग्नि अपनी क्रिया पूर्ण कर लेती है। खाने के लगभग डेढ़ घंटे बाद पानी पीना उपयोगी माना गया है। यदि पानी खाना खाने के एक घंटे बाद भी लिया जाय तब भी जठराग्नि पर कोई विशेष प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता।
जठराग्नि ही हमें भूखे होने का अहसास दिलाती है। यदि जठराग्नि कमजोर पड़ जाय तब हमें भूख कम लगने लगती है और स्वास्थ्य ख़राब होने लगता है।असंतुलित जठराग्नि के निम्नलिखित प्रभाव या लक्षण होते हैं :
स्वस्थ जठराग्नि के लक्षण
  1. अगले भोजन के लिए भूख लगी है।
  2. नियमित रूप से मल त्याग होना।
  3. चुस्ती -फुर्ती
  4. अच्छी ऊर्जा।
  5. बेचैनी न होना

  6.  खराब (जठराग्निके लक्षण
  1.  भूख की कमी।
  2. मल त्याग में कठिनाई
  3.  गैस, कब्ज, मिचली आदि की शिकायत होना।
  4. सुस्ती
  5. ऊर्जा में कमी।
जठराग्नि को संतुलित बनाये 
  1.    भोजन करने से पूर्व या खाना खाने के दौरान तनाव नहीं होना चाहिए। खाना समय से करे 
  2.  हो सके तो जमीन पैर बैठकर खाना खाये।
  3. पानी भी सही तरीक़े से पिये 
  4. सूर्योदय के समय से लगभग ढाई घंटे तक, सुबह का नास्ता सूर्योदय के ढाई घंटे के अंदर, दोपहर का भोजन 1 बजे से 3 बजे के बीच और शाम का भोजन सूर्यास्त के पूर्व करना उपयुक्त रहता है। 
  5.  भोजन के साथ घी के प्रयोग से जठराग्नि प्रबल हो जाती है
 अगर  जठराग्नि सही से काम करेगी तो आप कभी भी  मोटे नहीं होंगे



Life is all about the little things that we don't know about at all, while such things happen to us.  Knowing these things is very important happens because of diseases causes incontinence eating and drinking.


 When the gas will burn in the stomach, then only the food will be digested and when the food is digested, it will make juice.

 But if your stomach is extinguished then your food will rot instead of digest and when food  Instead of having rottenness, complaints of gas, constipation, acidity, vomiting, headache, restlessness in the body, lethargy, disinterest in work, etc.  Danger remains.



 In about two  hours, the gastric fire takes place on the substance eaten.  Drinking water is considered useful after about one and a half hours after eating.  If water foodeatingafteran houraftereventakenevenagainst the gastric fire,there would be no special adverse effect no.

 Gastroenterology is what gives us the feeling of being hungry.  If the gastritis becomes weak, then we feel appetite lessand healthdeteriorating.




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