आवला
कुछ कडवा , मीठा, कसैला, टूटी हूई हडी को जोड़ने वालाए नेत्रों को और केषों को हितकारी , प्रलेप दृारा देह की कांति को बढ़ाने वाला होता है।
काले बाल: -
बाल काले करने के लिए बाजार में बिकष्ने वाले खिजाब के उपयोग से चमडी़ के कई रोग लग जाते है।वही कई बार हमें एलर्जी का भी सामना करना पड़ता है।
1. आवलों को रात भर पानी में भीगने दें। सुबह आंवले मसलकर पानी निथार लें उसी से सिर धोंए।सप्ताह में दो बार अवष्य करें।
2. नीबू का रस पानी में निचोडे़, उसी में पिसे हुए आवलो का चूर्ण द्योल दें। सप्ताह में दो बार बाल घोए।
3. आम की गुठली के साथ आंवले पीसकर सिर पर लेपन से भी बाल काले और लम्बे होते है।
पीलिया
इस रोग में रक्त के लाल कणों का रंग पीला पड़ जाता है। जिससे आखेंए नाखून तथा पेशाब भी पीला आने लगता है। वैसे यह रोग नषीले पदार्थी तथा दूषित पदार्थी से हो जाता है। इसका असर जिगर पर पड़ता है। पाण्डू रोग में आंवले का चूर्ण छाछ के साथ सेवन करते हैं। गर्मी के दिनों में बार -बार नाक बहने पर सूखे आंवले को द्यी में तलकर, पीसकर,मस्तिक पर लेप करना चाहिए। आंवले का नियमित सेवन करने से कब्ज दूर होती है। नेत्रों की ज्योति बढ़ती है। कच्चे आंवले का प्रयोग से आत्मा और उदर के अनेकों विकार खत्म होते है। आंवले का मुरब्बा भी लाभदायक है।
लू लगना
लू लगने पर आंवले और इमली का रस संतरे या मौसमी के रूप में मिलाकर देने से लू में लाभ पहुंचता है। इसे कम से कम एक सप्ताह तक लेना चाहिएए चाहे तबीयत जल्दी ही अच्छी हो जाए।
चेहरे पर फुंसियां होने पर
तैलीय त्वचा होने पर य मसालेदार पदार्थ सेवन करने से चेहरे पर फुंसियां निकल आती है। ऐसे में सूखे आंवले का बारीक चूर्ण बना लें । इसका चेहरे पर लेप करें। एक द्यण्टे बाद चेहरा घों लें। लाभ मिलेगा।
बच्चों के दांत निकलने पर
बच्चों के दांत निकलते समय उन्हें कभी-कभी तकलीफ होती है। यह अघिकतर पोषक तत्वो के अभाव में होती है। परन्तु दांत निकलते समय यदि बच्चे को तकलीफ है तो उसका इलाज पुरन्त करें। बच्चे के दांत निकलते समय उसे प्रतिदिन आंवले के चूर्ण मे शहद मिलाकर चटाएं। दांत निकलते समय बच्चे को तकलीफ नही होगी।
कुछ कडवा , मीठा, कसैला, टूटी हूई हडी को जोड़ने वालाए नेत्रों को और केषों को हितकारी , प्रलेप दृारा देह की कांति को बढ़ाने वाला होता है।
काले बाल: -
बाल काले करने के लिए बाजार में बिकष्ने वाले खिजाब के उपयोग से चमडी़ के कई रोग लग जाते है।वही कई बार हमें एलर्जी का भी सामना करना पड़ता है।
1. आवलों को रात भर पानी में भीगने दें। सुबह आंवले मसलकर पानी निथार लें उसी से सिर धोंए।सप्ताह में दो बार अवष्य करें।
2. नीबू का रस पानी में निचोडे़, उसी में पिसे हुए आवलो का चूर्ण द्योल दें। सप्ताह में दो बार बाल घोए।
3. आम की गुठली के साथ आंवले पीसकर सिर पर लेपन से भी बाल काले और लम्बे होते है।
पीलिया
इस रोग में रक्त के लाल कणों का रंग पीला पड़ जाता है। जिससे आखेंए नाखून तथा पेशाब भी पीला आने लगता है। वैसे यह रोग नषीले पदार्थी तथा दूषित पदार्थी से हो जाता है। इसका असर जिगर पर पड़ता है। पाण्डू रोग में आंवले का चूर्ण छाछ के साथ सेवन करते हैं। गर्मी के दिनों में बार -बार नाक बहने पर सूखे आंवले को द्यी में तलकर, पीसकर,मस्तिक पर लेप करना चाहिए। आंवले का नियमित सेवन करने से कब्ज दूर होती है। नेत्रों की ज्योति बढ़ती है। कच्चे आंवले का प्रयोग से आत्मा और उदर के अनेकों विकार खत्म होते है। आंवले का मुरब्बा भी लाभदायक है।
लू लगना
लू लगने पर आंवले और इमली का रस संतरे या मौसमी के रूप में मिलाकर देने से लू में लाभ पहुंचता है। इसे कम से कम एक सप्ताह तक लेना चाहिएए चाहे तबीयत जल्दी ही अच्छी हो जाए।
चेहरे पर फुंसियां होने पर
तैलीय त्वचा होने पर य मसालेदार पदार्थ सेवन करने से चेहरे पर फुंसियां निकल आती है। ऐसे में सूखे आंवले का बारीक चूर्ण बना लें । इसका चेहरे पर लेप करें। एक द्यण्टे बाद चेहरा घों लें। लाभ मिलेगा।
बच्चों के दांत निकलने पर
बच्चों के दांत निकलते समय उन्हें कभी-कभी तकलीफ होती है। यह अघिकतर पोषक तत्वो के अभाव में होती है। परन्तु दांत निकलते समय यदि बच्चे को तकलीफ है तो उसका इलाज पुरन्त करें। बच्चे के दांत निकलते समय उसे प्रतिदिन आंवले के चूर्ण मे शहद मिलाकर चटाएं। दांत निकलते समय बच्चे को तकलीफ नही होगी।
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