प्राथमिक उपचार के लिए उपचारकर्त्ता के पास कुछ वस्तुओं का होना जरूरी होता है जैसे-
- रूई- प्राथमिक उपचार के लिए सबसे पहले उपचारकर्त्ता के पास साफ रूई होनी चाहिए। यह रूई घायल व्यक्ति के शरीर के जो अंग कट-फट गए हो या जिनमें से खून निकल रहा हो इन्हे साफ करने के काम में आती है।
- पिन- उपचारकर्त्ता के पास कुछ पिन होनी चाहिए। इन पिनों की सहायता से पीड़ित अंग पर पट्टी बांधकर पिन की सहायता से रोका जा सकता है।
- टेप- उपचारकर्त्ता के पास एक टेप होनी चाहिए। इस टेप की सहायता से कटे-फटे स्थान पर रूई रखकर चिपकाई जाती है।
- गाज- उपचारकर्त्ता के पास साफ गॉज होना चाहिए। यह गॉज जख्म आदि को बांधने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
- कैंची- उपचारकर्त्ता के पास एक कैंची होनी चाहिए। यह कैंची पट्टी को काटने के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
- चम्मच और गिलास- चम्मच और गिलास रोगी को दवा और दूध आदि पिलाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
- बड़ी पट्टियां- बड़ी पट्टियां घाव या मोच पर बांधने के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
- मेज- मेज रखकर घायल व्यक्ति के पीड़ित अंग पर पट्टी बांधी जाती है।
- खपच्ची- खपच्ची को टूटी हुई हड़्डी पर रखकर बांधा जाता है। ।
- चिमटी- कांच आदि चुभ जाने पर उसे निकालने के लिए चिमटी का प्रयोग किया जाता है।
- गर्म पानी की बोतल- इस बोतल को पीड़ित अंग पर सेंक देने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
- बर्फ की टोपी- अधिक तेज बुखार में सिर पर रखने के लिए बर्फ की टोपी का प्रयोग किया जाता है।
- डॉक्टरी सुई और धागा जख्मो पर टांका आदि लगाने के लिए डॉक्टरी सुई और धागे का प्रयोग किया जाता है।
Moulik I love you side you
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